सत्यनारायण सिंह ने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय, जिसे पूर्वांचल का एम्स कहा जाता है, में व्याप्त अनियमितताओं एवं गहराते भ्रष्टाचार के विरोध में हम छात्र निरंतर संघर्षरत हैं। यह आंदोलन केवल विश्वविद्यालय के छात्रों ,कर्मचारियों के ही नहीं, बल्कि उन गरीब एवं वंचित जन समुदायों के हितों की रक्षा हेतु संचालित हो रहा है, जिनके लिए यह चिकित्सालय जीवन रेखा के रूप में कार्य करता आया है।
शिवम सोनकर ने कहा कि यह अत्यंत खेदजनक है कि विश्वविद्यालय परिसर में इस गंभीर विषय को पक्ष और विपक्ष में बाँटकर अनावश्यक भ्रांतियाँ फैलाई जा रही हैं और आंदोलन की मूल भावना को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है। हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि इस मुद्दे में किसी प्रकार का दल या विरोध नहीं है – हमारा संघर्ष केवल और केवल संस्थान में व्याप्त भ्रष्टाचार, दलाली और अव्यवस्थाओं के विरुद्ध है।
अब तक हम IMS निदेशक एवं मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को लिखित ज्ञापन सौंप चुके हैं, जिसकी प्रतिलिपि कुलपति महोदय एवं रजिस्ट्रार को भी प्रदान की जा चुकी है। दुर्भाग्यवश, इन ज्ञापनों पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कोई ठोस संज्ञान नहीं लिया गया है। अब हम सब अपने आंदोलन को और तेज करेंगे ।
हम पुनः स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह संघर्ष किसी व्यक्ति विशेष के विरुद्ध नहीं, बल्कि प्रणालीगत भ्रष्टाचार और चिकित्सा सेवाओं में व्याप्त घोर अनियमितताओं के विरुद्ध है। जब तक इस विषय पर उचित, निष्पक्ष एवं ठोस कार्यवाही नहीं की जाती, यह आंदोलन शांतिपूर्ण एवं चरणबद्ध रूप में जारी रहेगा।


